Monday, 8 January 2018

सूचना का अधिकार



सूचना का अधिकार इक्‍कीसवीं सदी के प्रांरभ का जन साधारण का एक अमूल्‍य उपहार है। जब से संविधान के अनुच्‍छेद 21 तथा 19(1)(क) अंतर्गत क्रमश: प्राण एवं देहिक स्‍वतंत्रता तथा वाक एवं अभिव्‍यक्ति की स्‍वतत्रंता के मूल अधिकार का उद्घाेेेष किया गया है, तब से सूचना के अधिकार काे अपरिहार्य माने जाने लगा है, क्‍योंकि इस अधिकार के बिना दोनों स्‍वतंत्रताऐं अपूर्ण लगती हैं, अंतत: वर्ष 2005 में यह अधिनियम बन ही गया और 12 अक्‍टूबर 2005 मैैं यह अधिनियम लागू हो गया।


सूचना का अधिकार अधिनियम के अंंतर्गत निम्नलिखित बिन्दु आते है-

  1. कार्यो, दस्तावेजों, रिकार्डो का निरीक्षण।
  2. दस्तावेज या रिकार्डो की प्रस्तावना। सारांश, नोट्स व प्रमाणित प्रतियाँ प्राप्त करना।
  3. सामग्री के प्रमाणित नमूने लेना।
  4. प्रिंट आउट, डिस्क, फ्लाॅपी, टेप, वीडियो कैसेटो के रूप में या कोई अन्य इलेक्ट्रानिक रूप में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
सूचना का अधिकार अधिनियम् 2005 के प्रमुख प्रावधानः
  • समस्त सरकारी विभाग, पब्लिक सेक्टर यूनिट, किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता से चल रहीं गैर सरकारी संस्थाएं व शिक्षण संस्थान आदि विभाग इसमें शामिल हैं। पूर्णतः से निजी संस्थाएं इस कानून के दायरे में नहीं हैं लेकिन यदि किसी कानून के तहत कोई सरकारी विभाग किसी निजी संस्था से कोई जानकारी मांग सकता है तो उस विभाग के माध्यम से वह सूचना मांगी जा सकती है। 
  • प्रत्येक सरकारी विभाग में एक या एक से अधिक जनसूचना अधिकारी बनाए गए हैं, जो सूचना के अधिकार के तहत आवेदन स्वीकार करते हैं, मांगी गई सूचनाएं एकत्र करते हैं और उसे आवेदनकर्ता को उपलब्ध कराते हैं। 
  • जनसूचना अधिकारी की दायित्व है कि वह 30 दिन अथवा जीवन व स्वतंत्रता के मामले में 48 घण्टे के अन्दर (कुछ मामलों में 45 दिन तक) मांगी गई सूचना उपलब्ध कराए।
  • यदि जनसूचना अधिकारी आवेदन लेने से मना करता है, तय समय सीमा में सूचना नहीं उपलब्ध् कराता है अथवा गलत या भ्रामक जानकारी देता है तो देरी के लिए 250 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 25000 तक का जुर्माना उसके वेतन में से काटा जा सकता है। साथ ही उसे सूचना भी देनी होगी। 
  • लोक सूचना अधिकारी को अधिकार नहीं है कि वह आपसे सूचना मांगने का कारण नहीं पूछ सकता। 
  • सूचना मांगने के लिए आवेदन फीस देनी होगी (केन्द्र सरकार ने आवेदन के साथ 10 रुपए की फीस तय की है। लेकिन कुछ राज्यों में यह अधिक है, बीपीएल कार्डधरकों को आवेदन शुल्क में छुट प्राप्त है। 
  • दस्तावेजों की प्रति लेने के लिए भी फीस देनी होगी। केन्द्र सरकार ने यह फीस 2 रुपए प्रति पृष्ठ रखी है लेकिन कुछ राज्यों में यह अधिक है, अगर सूचना तय समय सीमा में नहीं उपलब्ध कराई गई है तो सूचना मुफ्त दी जायेगी। 
  • यदि कोई लोक सूचना अधिकारी यह समझता है कि मांगी गई सूचना उसके विभाग से सम्बंधित नहीं है तो यह उसका कर्तव्य है कि उस आवेदन को पांच दिन के अन्दर सम्बंधित विभाग को भेजे और आवेदक को भी सूचित करे। ऐसी स्थिति में सूचना मिलने की समय सीमा 30 की जगह 35 दिन होगी। 
  • लोक सूचना अधिकारी यदि आवेदन लेने से इंकार करता है। अथवा परेशान करता है। तो उसकी शिकायत सीधे सूचना आयोग से की जा सकती है। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचनाओं को अस्वीकार करने, अपूर्ण, भ्रम में डालने वाली या गलत सूचना देने अथवा सूचना के लिए अधिक फीस मांगने के खिलाफ केन्द्रीय या राज्य सूचना आयोग के पास शिकायत कर सकते है। 
  • जनसूचना अधिकारी कुछ मामलों में सूचना देने से मना कर सकता है। जिन मामलों से सम्बंधित सूचना नहीं दी जा सकती उनका विवरण सूचना के अधिकार कानून की धारा 8 में दिया गया है। लेकिन यदि मांगी गई सूचना जनहित में है तो धारा 8 में मना की गई सूचना भी दी जा सकती है। जो सूचना संसद या विधानसभा को देने से मना नहीं किया जा सकता उसे किसी आम आदमी को भी देने से मना नहीं किया जा सकता। 
  • यदि लोक सूचना अधिकारी निर्धारित समय-सीमा के भीतर सूचना नहीं देते है या धारा 8 का गलत इस्तेमाल करते हुए सूचना देने से मना करता है, या दी गई सूचना से सन्तुष्ट नहीं होने की स्थिति में 30 दिनों के भीतर सम्बंधित जनसूचना अधिकारी के वरिष्ठ अधिकारी यानि प्रथम अपील अधिकारी के समक्ष प्रथम अपील की जा सकती है। 
  • यदि आप प्रथम अपील से भी सन्तुष्ट नहीं हैं तो दूसरी अपील 60 दिनों के भीतर केन्द्रीय या राज्य सूचना आयोग (जिससे सम्बंधित हो) के पास करनी होती है।
सूचना का अधिकार अधिनियम RTI के माध्‍यम से आप सरकार और किसी भी विभाग से सूचना मांग सकते है, आमतौर पर लोगो को इतना ही पता होता है। यही वजह है की अमूमन लोग एक सादे कागज पर अपने सवाल लिखकर सम्बंधित विभाग को भेज देते हैं लेकिन उसका उत्तर नहीं मिलता क्योंकि RTI सही तरीके से दाखिल नहीं रहती। आज हम आपको RTI से सम्बंधित सही तरीके से आवेदन लिखने की जानकारी दे रहे हैं ताकि आप इसका लाभ उठा सकें, सूचना के अधिकार हेतु आवेदन की प्रति प्रस्‍तुत है, इसे आप डाउनलोड करके सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत संबंधित विभाग से जानकारी प्राप्‍त कर सकते हैं, आपकी सुविधा के लिए भरा हुआ आवेदन एवं रिक्‍त आवेदन दोनों दिये गये हैं, आप क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैैंं।


शैलेश जैन, एडव्‍होकेट
मोबाईल नम्‍बर 09479836178


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